जैव अणु: क्या आपने कभी सोचा है कि आपका शरीर कैसे काम करता है? जब आप चीनी खाते हैं तो तुरंत एनर्जी कैसे मिल जाती है? आपकी मांसपेशियां कैसे बनती हैं? या फिर आपके बाल और नाखून कैसे बढ़ते हैं? इन सभी प्रश्नों का उत्तर छुपा है जैव अणुओं (Biomolecules) में – उन रासायनिक यौगिकों में जो जीवन का आधार हैं।
जब आप सुबह उठकर रोटी खाते हैं, तो उसमें मौजूद स्टार्च आपको ऊर्जा देता है। जब आप दूध पीते हैं, तो उसकी प्रोटीन आपकी मांसपेशियों का निर्माण करती है। यहां तक कि आपके DNA में छुपी आनुवंशिक जानकारी भी एक जैव अणु ही है। आज के युग में, जब COVID-19 की mRNA वैक्सीन से लेकर डायबिटीज की इंसुलिन तक, सब कुछ जैव अणुओं पर आधारित है।
यह अध्याय सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं है – यह आपको समझाएगा कि आप कैसे जीवित हैं! आइए इस fascinating journey पर चलते हैं और जानते हैं कि कैसे छोटे-छोटे अणु मिलकर जीवन का महान चमत्कार बनाते हैं।
अध्याय के मुख्य उद्देश्य (Learning Objectives)
इस अध्याय को पूरा करने के बाद आप निम्नलिखित में सक्षम होंगे:
- वर्गीकरण और पहचान: जैव अणुओं को उनकी संरचना और कार्यों के आधार पर वर्गीकृत करना और पहचानना
- संरचनात्मक समझ: कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, न्यूक्लिक एसिड और विटामिन की रासायनिक संरचना को समझना
- कार्यात्मक महत्व: विभिन्न जैव अणुओं के जैविक कार्यों और दैनिक जीवन में उनकी भूमिका को स्पष्ट करना
- परीक्षा तैयारी: CBSE बोर्ड परीक्षा पैटर्न के अनुसार विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का समाधान करना
- व्यावहारिक अनुप्रयोग: जैव अणुओं का चिकित्सा, खाद्य उद्योग और जैव प्रौद्योगिकी में अनुप्रयोग समझना
- अवधारणात्मक स्पष्टता: जैव अणुओं की बुनियादी अवधारणाओं को रटकर नहीं बल्कि समझकर सीखना
जैव अणुओं का परिचय और महत्व (Introduction and Importance of Biomolecules)
जैव अणु वे रासायनिक यौगिक हैं जो जीवित कोशिकाओं में पाए जाते हैं और जीवन प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक हैं। ये अणु कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस और सल्फर जैसे तत्वों से बने होते हैं।
जैव अणुओं की परिभाषा: जैविक प्रणालियों में पाए जाने वाले वे कार्बनिक यौगिक जो जीवन प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं, जैव अणु कहलाते हैं।
जैव अणुओं के मुख्य प्रकार:
- कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) – ऊर्जा के मुख्य स्रोत
- प्रोटीन (Proteins) – संरचनात्मक और कार्यात्मक घटक
- न्यूक्लिक एसिड (Nucleic Acids) – आनुवंशिक जानकारी के वाहक
- लिपिड (Lipids) – ऊर्जा भंडारण और कोशिका झिल्ली के घटक
- विटामिन (Vitamins) – उपापचयी प्रक्रियाओं के सहायक
- हार्मोन (Hormones) – जैविक नियंत्रक
Real-World Chemistry: आपके शरीर का लगभग 96% भाग सिर्फ छह तत्वों – कार्बन (18%), हाइड्रोजन (10%), नाइट्रोजन (3%), ऑक्सीजन (65%), फास्फोरस और सल्फर से बना है। ये सभी जैव अणुओं के निर्माण में भाग लेते हैं।
कार्बोहाइड्रेट: जीवन की ऊर्जा (Carbohydrates: The Energy of Life)
कार्बोहाइड्रेट सबसे सरल और सबसे महत्वपूर्ण जैव अणु हैं। इनका सामान्य आणविक सूत्र Cx(H2O)y होता है, इसीलिए इन्हें “हाइड्रेट ऑफ कार्बन” भी कहते हैं।
कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण (Classification of Carbohydrates)
1. एकशर्करा (Monosaccharides)
ये सबसे सरल शर्करा हैं जो आगे हाइड्रोलिसिस नहीं हो सकतीं।
ग्लूकोज (Glucose – C6H12O6):
- मुख्य कार्यात्मक समूह: एल्डिहाइड (-CHO)
- सामान्य नाम: डेक्सट्रोज या ब्लड शुगर
- D-ग्लूकोज प्राकृतिक रूप में पाया जाता है

फ्रक्टोज (Fructose – C6H12O6):
- मुख्य कार्यात्मक समूह: कीटोन (C=O)
- सामान्य नाम: फ्रूट शुगर
- ग्लूकोज से अधिक मीठा होता है
Chemistry Check: ग्लूकोज और फ्रक्टोज में क्या अंतर है? ग्लूकोज एक एल्डोज है (एल्डिहाइड समूह युक्त) जबकि फ्रक्टोज एक कीटोज है (कीटोन समूह युक्त)।
2. द्विशर्करा (Disaccharides)
दो मोनोसैकराइड के ग्लाइकोसिडिक बंध द्वारा जुड़ने से बनते हैं।
सुक्रोज (Sucrose – C12H22O11):
- संरचना: ग्लूकोज + फ्रक्टोज
- पाई जाती है: गन्ना, चुकंदर में
- सामान्य नाम: टेबल शुगर
लैक्टोज (Lactose – C12H22O11):
- संरचना: ग्लूकोज + गैलेक्टोज
- पाई जाती है: दूध में
- सामान्य नाम: मिल्क शुगर
माल्टोज (Maltose – C12H22O11):
- संरचना: ग्लूकोज + ग्लूकोज
- बनता है: स्टार्च के हाइड्रोलिसिस से
- सामान्य नाम: माल्ट शुगर
Common Error Alert: कई छात्र सुक्रोज को reducing sugar मानते हैं, लेकिन यह non-reducing sugar है क्योंकि इसमें दोनों anomeric carbons ग्लाइकोसिडिक बंध में भाग लेते हैं।
3. बहुशर्करा (Polysaccharides)
सैकड़ों या हजारों मोनोसैकराइड इकाइयों से बने होते हैं।
स्टार्च (Starch):
- संरचना: ग्लूकोज की लंबी श्रृंखला
- दो प्रकार: एमाइलोज (सीधी श्रृंखला) और एमाइलोपेक्टिन (शाखित)
- कार्य: पौधों में ऊर्जा भंडारण
सेल्युलोज (Cellulose):
- संरचना: β-1,4-ग्लाइकोसिडिक बंध से जुड़े ग्लूकोज अणु
- कार्य: पौधों में संरचनात्मक सहारा
- विशेषता: मनुष्यों में पाचन नहीं हो सकता
ग्लाइकोजन (Glycogen):
- संरचना: अत्यधिक शाखित ग्लूकोज श्रृंखला
- कार्य: जानवरों में ऊर्जा भंडारण
- स्थान: यकृत और मांसपेशियों में

Real-World Chemistry: जब आप व्यायाम करते हैं, तो सबसे पहले आपकी मांसपेशियों में संग्रहीत ग्लाइकोजन टूटकर ग्लूकोज में बदल जाता है और तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। यही कारण है कि एथलीट्स carb-loading करते हैं।
कार्बोहाइड्रेट के जैविक कार्य:
- ऊर्जा उत्पादन: ग्लूकोज से ATP बनती है
- संरचनात्मक सहारा: सेल्युलोज पौधों की दीवार बनाता है
- ऊर्जा भंडारण: स्टार्च और ग्लाइकोजन
- आनुवंशिक सामग्री: राइबोज और डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड के घटक हैं
प्रोटीन: जीवन के निर्माता (Proteins: The Builders of Life)
प्रोटीन सबसे जटिल और बहुकार्यी जैव अणु हैं। ये अमीनो एसिड की लंबी श्रृंखलाओं से बने होते हैं और जीवन के लगभग हर पहलू में शामिल हैं।
अमीनो एसिड: प्रोटीन के निर्माण खंड (Amino Acids: Building Blocks of Proteins)
अमीनो एसिड का सामान्य सूत्र: H2N-CHR-COOH
अमीनो एसिड की संरचना:
- एमिनो समूह (-NH2)
- कार्बोक्सिल समूह (-COOH)
- हाइड्रोजन परमाणु (H)
- साइड चेन (R समूह)

अमीनो एसिड का वर्गीकरण:
1. आवश्यक अमीनो एसिड (Essential Amino Acids)
जो शरीर में नहीं बन सकते, भोजन से लेने पड़ते हैं।
- कुल संख्या: 9
- उदाहरण: लिसिन, मेथियोनिन, ट्रिप्टोफेन
2. अनावश्यक अमीनो एसिड (Non-essential Amino Acids)
जो शरीर में बन सकते हैं।
- कुल संख्या: 11
- उदाहरण: ग्लाइसिन, एलानिन, सेरिन
Chemistry Check: कुल कितने प्रकार के अमीनो एसिड होते हैं? प्रकृति में 20 मानक अमीनो एसिड होते हैं जो प्रोटीन बनाते हैं।
पेप्टाइड बंध (Peptide Bond)
दो अमीनो एसिड के बीच बनने वाला सहसंयोजक बंध पेप्टाइड बंध कहलाता है।
PROCESS: पेप्टाइड बंध निर्माण की विस्तृत क्रिया विधि – दो अमीनो एसिड के कार्बोक्सिल और एमिनो समूह के बीच निर्जलीकरण संश्लेषण द्वारा C-N बंध का बनना, H2O का निकलना
प्रोटीन की संरचना के स्तर (Levels of Protein Structure)
प्रोटीन की संरचना चार स्तरों में व्यवस्थित होती है:
1. प्राथमिक संरचना (Primary Structure)
- अमीनो एसिड का अनुक्रम
- पेप्टाइड बंधों से जुड़े होते हैं
- उदाहरण: इंसुलिन में 51 अमीनो एसिड का विशिष्ट अनुक्रम
2. द्वितीयक संरचना (Secondary Structure)
- स्थानीय फोल्डिंग पैटर्न
- मुख्य प्रकार:
- α-हेलिक्स (α-helix)
- β-प्लीटेड शीट (β-pleated sheet)
- हाइड्रोजन बंधों से स्थिर होती है
3. तृतीयक संरचना (Tertiary Structure)
- पूरी पॉलिपेप्टाइड की 3D आकृति
- विभिन्न प्रकार के बंधों से स्थिर:
- डाइसल्फाइड बंध
- हाइड्रोजन बंध
- आयनिक बंध
- वैन डर वाल्स बल
4. चतुर्थक संरचना (Quaternary Structure)
- कई पॉलिपेप्टाइड चेन का संयोजन
- उदाहरण: हीमोग्लोबिन में 4 सबयूनिट

प्रोटीन का विकृतीकरण (Denaturation of Proteins)
प्रोटीन की प्राकृतिक संरचना का नष्ट होना विकृतीकरण कहलाता है।
विकृतीकरण के कारक:
- गर्मी (Heat)
- अम्ल और क्षार (Acids and Bases)
- भारी धातु आयन (Heavy Metal Ions)
- यूरिया जैसे रसायन
Real-World Chemistry: जब आप अंडा पकाते हैं, तो गर्मी से albumin प्रोटीन denature हो जाता है। यही कारण है कि कच्चे अंडे का सफेद भाग तरल होता है लेकिन पकने पर ठोस हो जाता है।
Common Error Alert: Denaturation में प्राथमिक संरचना नहीं बदलती, केवल द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्थक संरचना प्रभावित होती है।
एंजाइम (Enzymes)
एंजाइम विशेष प्रकार के प्रोटीन हैं जो जैविक उत्प्रेरक का काम करते हैं।
एंजाइम की विशेषताएं:
- अत्यधिक विशिष्ट (Highly Specific)
- कम तापमान पर सक्रिय
- pH संवेदनशील
- अभिक्रिया के बाद अपरिवर्तित रहते हैं
Lock and Key Model: एंजाइम (ताला) और substrate (चाबी) की specific fitting।
प्रमुख एंजाइम और उनके कार्य:
- एमाइलेज: स्टार्च को माल्टोज में बदलता है
- पेप्सिन: प्रोटीन का पाचन
- ट्रिप्सिन: प्रोटीन का पाचन
- लाइपेज: वसा का पाचन
प्रोटीन के जैविक कार्य:
- संरचनात्मक: कोलेजन, केराटिन
- एंजाइमैटिक: पेप्सिन, ट्रिप्सिन
- हार्मोनल: इंसुलिन, ग्रोथ हार्मोन
- रक्षात्मक: एंटीबॉडी, फाइब्रिनोजेन
- परिवहन: हीमोग्लोबिन, मायोग्लोबिन
- संकुचनशील: एक्टिन, मायोसिन
न्यूक्लिक एसिड: आनुवंशिकता के वाहक (Nucleic Acids: Carriers of Heredity)
न्यूक्लिक एसिड सबसे महत्वपूर्ण जैव अणु हैं क्योंकि ये आनुवंशिक जानकारी को संग्रहीत और स्थानांतरित करते हैं।
न्यूक्लिक एसिड के प्रकार:
1. डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA)
- पूरा नाम: Deoxyribonucleic Acid
- कार्य: आनुवंशिक जानकारी का भंडारण
- स्थान: मुख्यतः नाभिक में
2. राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA)
- पूरा नाम: Ribonucleic Acid
- कार्य: प्रोटीन संश्लेषण में सहायक
- स्थान: नाभिक और कोशिका द्रव्य में
न्यूक्लियोटाइड: न्यूक्लिक एसिड के निर्माण खंड
न्यूक्लियोटाइड के तीन घटक:
- नाइट्रोजन बेस (Nitrogenous Base)
- पेंटोज शुगर (Pentose Sugar)
- फॉस्फेट समूह (Phosphate Group)

नाइट्रोजन बेस के प्रकार:
प्यूरिन (Purines) – दो रिंग संरचना:
- एडिनिन (Adenine – A)
- ग्वानिन (Guanine – G)
पिरीमिडिन (Pyrimidines) – एक रिंग संरचना:
- साइटोसिन (Cytosine – C)
- थाइमिन (Thymine – T) – केवल DNA में
- यूरेसिल (Uracil – U) – केवल RNA में
DNA की संरचना:
Watson-Crick Model (1953):
- दोहरा हेलिक्स (Double Helix)
- एंटी-पैरेलल स्ट्रैंड्स
- बेस पेयरिंग: A-T और G-C
- हाइड्रोजन बंध: A-T में 2, G-C में 3
Chargaff’s Rules:
- A की मात्रा = T की मात्रा
- G की मात्रा = C की मात्रा
- प्यूरिन की मात्रा = पिरीमिडिन की मात्रा

Chemistry Check: DNA में कितने हाइड्रोजन बंध होते हैं? A-T के बीच 2 हाइड्रोजन बंध और G-C के बीच 3 हाइड्रोजन बंध होते हैं।
RNA की संरचना और प्रकार:
RNA की विशेषताएं:
- एकल श्रृंखला (Single Stranded)
- राइबोज शुगर
- यूरेसिल (T के बजाय U)
RNA के प्रकार:
1. मैसेंजर RNA (mRNA):
- कार्य: DNA से प्रोटीन तक संदेश पहुंचाना
- विशेषता: कोडन (3 न्यूक्लियोटाइड का समूह)
2. ट्रांसफर RNA (tRNA):
- कार्य: अमीनो एसिड को राइबोसोम तक पहुंचाना
- विशेषता: क्लोवर लीफ संरचना, एंटीकोडन
3. राइबोसोमल RNA (rRNA):
- कार्य: राइबोसोम का मुख्य घटक
- विशेषता: प्रोटीन संश्लेषण में प्रत्यक्ष भाग
Real-World Chemistry: COVID-19 की mRNA वैक्सीन इसी सिद्धांत पर काम करती है। वैक्सीन में mRNA होता है जो हमारी कोशिकाओं को spike protein बनाने का निर्देश देता है।
न्यूक्लिक एसिड के जैविक कार्य:
- आनुवंशिक जानकारी का भंडारण: DNA
- आनुवंशिक जानकारी का स्थानांतरण: mRNA
- प्रोटीन संश्लेषण: mRNA, tRNA, rRNA
- आनुवंशिक विविधता: DNA recombination
विटामिन: स्वास्थ्य के रक्षक (Vitamins: Guardians of Health)
विटामिन वे कार्बनिक यौगिक हैं जो शरीर के लिए बहुत कम मात्रा में आवश्यक होते हैं लेकिन जिनके बिना जीवन असंभव है।
विटामिन की विशेषताएं:
- कम मात्रा में आवश्यक (Micronutrients)
- शरीर में संश्लेषित नहीं हो सकते (अधिकतर)
- उपापचयी प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक
- कमी से विशिष्ट बीमारियां होती हैं
विटामिन का वर्गीकरण:
1. वसा में घुलनशील विटामिन (Fat-Soluble Vitamins)
विटामिन A (रेटिनॉल):
- रासायनिक नाम: रेटिनॉल
- स्रोत: गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली का तेल
- कार्य: दृष्टि, प्रतिरक्षा तंत्र
- कमी से रोग: रतौंधी, जेरोफ्थैल्मिया
विटामिन D (कैल्सिफेरॉल):
- रासायनिक नाम: कैल्सिफेरॉल
- स्रोत: सूर्य प्रकाश, मछली, अंडे की जर्दी
- कार्य: कैल्शियम अवशोषण
- कमी से रोग: रिकेट्स, ऑस्टियोमलेशिया
विटामिन E (टोकोफेरॉल):
- रासायनिक नाम: α-टोकोफेरॉल
- स्रोत: वनस्पति तेल, मेवे, बीज
- कार्य: एंटीऑक्सीडेंट
- कमी से रोग: मांसपेशियों की कमजोरी
विटामिन K (फाइलोक्विनोन):
- रासायनिक नाम: फाइलोक्विनोन
- स्रोत: हरी पत्तेदार सब्जियां
- कार्य: रक्त का थक्का बनना
- कमी से रोग: रक्त स्राव की समस्या
2. पानी में घुलनशील विटामिन (Water-Soluble Vitamins)
विटामिन B कॉम्प्लेक्स:
B1 (थायमिन):
- कार्य: कार्बोहाइड्रेट उपापचय
- कमी से रोग: बेरी-बेरी
B2 (राइबोफ्लेविन):
- कार्य: ऊर्जा उत्पादन
- कमी से रोग: चिलोसिस
B3 (नियासिन):
- कार्य: NAD और NADP का घटक
- कमी से रोग: पेलाग्रा
B12 (कोबालामिन):
- कार्य: DNA संश्लेषण, लाल रक्त कोशिका निर्माण
- कमी से रोग: पर्निशियस एनीमिया
विटामिन C (एस्कॉर्बिक एसिड):
- स्रोत: खट्टे फल, आंवला, टमाटर
- कार्य: एंटीऑक्सीडेंट, कोलेजन संश्लेषण
- कमी से रोग: स्कर्वी
Common Error Alert: कई छात्र सोचते हैं कि विटामिन D केवल भोजन से मिलता है, लेकिन यह मुख्यतः सूर्य प्रकाश से त्वचा में बनता है।
हार्मोन: शरीर के संदेशवाहक (Hormones: Body’s Messengers)
हार्मोन वे रासायनिक संदेशवाहक हैं जो अंतःस्रावी ग्रंथियों से निकलकर रक्त के माध्यम से लक्ष्य अंगों तक पहुंचते हैं।
हार्मोन की विशेषताएं:
- बहुत कम मात्रा में प्रभावी
- विशिष्ट लक्ष्य कोशिकाएं
- रक्त के माध्यम से परिवहन
- होमियोस्टेसिस बनाए रखते हैं
प्रमुख हार्मोन:
इंसुलिन:
- स्रोत: अग्न्याशय (Beta cells)
- कार्य: रक्त में ग्लूकोज का नियंत्रण
- कमी से रोग: मधुमेह (Diabetes)
थायरॉक्सिन:
- स्रोत: थायरॉइड ग्रंथि
- कार्य: उपापचय दर का नियंत्रण
- कमी से रोग: हाइपोथायरॉइडिज्म
एड्रेनालिन:
- स्रोत: अधिवृक्क ग्रंथि
- कार्य: आपातकालीन प्रतिक्रिया
- प्रभाव: हृदय गति बढ़ाना, रक्तचाप बढ़ाना
Real-World Chemistry: जब आप डर जाते हैं या तनाव में होते हैं, तो एड्रेनालिन हार्मोन निकलता है जो “Fight or Flight” response तैयार करता है।
जैव अणुओं के व्यावहारिक अनुप्रयोग (Practical Applications of Biomolecules)
चिकित्सा क्षेत्र में:
- इंसुलिन थेरेपी: मधुमेह के इलाज में
- एंजाइम थेरेपी: पाचन संबंधी समस्याओं में
- जीन थेरेपी: आनुवंशिक बीमारियों में
- मोनोक्लोनल एंटीबॉडी: कैंसर के इलाज में
खाद्य उद्योग में:
- खाद्य परिरक्षण: विटामिन C और E
- पोषण संवर्धन: विटामिन और प्रोटीन फोर्टिफिकेशन
- वैकल्पिक मिठास: सुक्रालोज, एस्पार्टेम
जैव प्रौद्योगिकी में:
- rDNA तकनीक: इंसुलिन उत्पादन
- PCR तकनीक: DNA प्रवर्धन
- CRISPR: जीन एडिटिंग
महत्वपूर्ण अभिक्रियाएं और प्रक्रियाएं (Important Reactions and Processes)
1. ग्लाइकोसिडिक बंध निर्माण:
PROCESS: ग्लाइकोसिडिक बंध बनने की विस्तृत क्रिया – दो मोनोसैकराइड के OH समूहों के बीच निर्जलीकरण से C-O-C बंध का निर्माण, अल्फा और बीटा linkage की व्याख्या
2. प्रोटीन संश्लेषण:
PROCESS: प्रोटीन संश्लेषण की पूर्ण प्रक्रिया – DNA से mRNA (ट्रांसक्रिप्शन), mRNA से प्रोटीन (ट्रांसलेशन), कोडन-एंटीकोडन पेयरिंग
3. DNA प्रतिकृति:
PROCESS: DNA प्रतिकृति की semiconservative प्रक्रिया – हेलिकेज़, प्राइमेज़, DNA पॉलिमरेज़ की भूमिका, leading और lagging strand
4. एंजाइमैटिक हाइड्रोलिसिस:
PROCESS: एंजाइम द्वारा substrate के हाइड्रोलिसिस की detailed mechanism – enzyme-substrate complex formation, transition state, product formation
प्रैक्टिकल प्रयोग और परीक्षण (Practical Experiments and Tests)
जैव अणुओं की पहचान के लिए परीक्षण:
कार्बोहाइड्रेट परीक्षण:
- मोलिश टेस्ट: सभी कार्बोहाइड्रेट के लिए सामान्य परीक्षण
- बेनेडिक्ट टेस्ट: रिड्यूसिंग शुगर के लिए
- फेहलिंग टेस्ट: रिड्यूसिंग शुगर के लिए
- आयोडिन टेस्ट: स्टार्च के लिए (नीला रंग)
प्रोटीन परीक्षण:
- बाइयूरेट टेस्ट: पेप्टाइड बंध के लिए (बैंगनी रंग)
- निनहाइड्रिन टेस्ट: अमीनो एसिड के लिए (नीला रंग)
- जैंथोप्रोटीक टेस्ट: aromatic अमीनो एसिड के लिए
वसा परीक्षण:
- सुडान III टेस्ट: लिपिड के लिए (लाल रंग)
- एमल्सीफिकेशन टेस्ट: तेल के लिए
Laboratory Safety: सभी रासायनिक परीक्षण करते समय सुरक्षा चश्मे पहनें और अच्छी ventilation में काम करें।
अभ्यास प्रश्न (Practice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions):
प्रश्न 1: ग्लूकोज का आणविक सूत्र है:
(a) C5H10O5
(b) C6H12O6
(c) C12H22O11
(d) C6H10O5
उत्तर: (b) C6H12O6
व्याख्या: ग्लूकोज एक हेक्सोज़ मोनोसैकराइड है जिसका आणविक सूत्र C6H12O6 है। यह एक एल्डोहेक्सोज़ है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा non-reducing sugar है?
(a) ग्लूकोज
(b) फ्रक्टोज
(c) सुक्रोज
(d) माल्टोज
उत्तर: (c) सुक्रोज
व्याख्या: सुक्रोज में दोनों anomeric carbons ग्लाइकोसिडिक बंध में भाग लेते हैं, इसलिए कोई free anomeric carbon नहीं है।
प्रश्न 3: DNA में कौन सा नाइट्रोजन बेस नहीं पाया जाता?
(a) एडिनिन
(b) ग्वानिन
(c) यूरेसिल
(d) साइटोसिन
उत्तर: (c) यूरेसिल
व्याख्या: यूरेसिल केवल RNA में पाया जाता है, DNA में इसके बजाय थाइमिन होता है।
प्रश्न 4: विटामिन C की कमी से कौन सा रोग होता है?
(a) रिकेट्स
(b) स्कर्वी
(c) बेरी-बेरी
(d) पेलाग्रा
उत्तर: (b) स्कर्वी
व्याख्या: विटामिन C (एस्कॉर्बिक एसिड) की कमी से स्कर्वी रोग होता है जिसमें मसूड़ों से खून आना मुख्य लक्षण है।
प्रश्न 5: न्यूक्लियोटाइड में कितने घटक होते हैं?
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) 5
उत्तर: (b) 3
व्याख्या: न्यूक्लियोटाइड में तीन घटक होते हैं – नाइट्रोजन बेस, पेंटोज़ शुगर और फॉस्फेट समूह।
प्रश्न 6: एंजाइम की सक्रियता मुख्यतः निर्भर करती है:
(a) केवल तापमान पर
(b) केवल pH पर
(c) तापमान और pH दोनों पर
(d) केवल substrate की सांद्रता पर
उत्तर: (c) तापमान और pH दोनों पर
व्याख्या: एंजाइम की सक्रियता तापमान और pH दोनों पर निर्भर करती है क्योंकि ये इसकी संरचना को प्रभावित करते हैं।
संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems):
प्रश्न 7: एक प्रोटीन में 150 अमीनो एसिड हैं। इसमें कितने पेप्टाइड बंध होंगे?
हल:
पेप्टाइड बंधों की संख्या = अमीनो एसिड की संख्या – 1
= 150 – 1 = 149
उत्तर: 149 पेप्टाइड बंध
प्रश्न 8: यदि एक DNA strand में 30% एडिनिन है, तो ग्वानिन का प्रतिशत क्या होगा?
हल:
Chargaff के नियम के अनुसार:
A = T = 30%
इसलिए, A + T = 60%
बाकी G + C = 100% – 60% = 40%
चूंकि G = C, इसलिए G = 20%
उत्तर: 20% ग्वानिन
केस स्टडी आधारित प्रश्न (Case Study Based Questions):
केस स्टडी 1: राम को मधुमेह है और उसे नियमित रूप से इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं।
प्रश्न 9: इंसुलिन क्या है और यह कैसे काम करता है?
उत्तर: इंसुलिन एक प्रोटीन हार्मोन है जो अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा स्रावित होता है। यह रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है। इंसुलिन ग्लूकोज को कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है और यकृत में ग्लाइकोजन के रूप में संग्रहीत करने को बढ़ावा देता है।
प्रश्न 10: क्यों इंसुलिन को मुंह से नहीं दिया जा सकता?
उत्तर: इंसुलिन एक प्रोटीन है, इसलिए यदि इसे मुंह से दिया जाए तो पेट में मौजूद एंजाइम (पेप्सिन) इसे तोड़ देंगे। इसीलिए इसे इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है।
आरेख आधारित प्रश्न (Diagram Based Questions):
प्रश्न 11: DNA की double helix संरचना का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर: [यहां DNA की double helix संरचना का चित्र होगा जिसमें निम्नलिखित भाग नामांकित होंगे:
- Sugar-phosphate backbone
- Nitrogenous bases (A, T, G, C)
- Hydrogen bonds
- Major groove
- Minor groove
- 3′ और 5′ ends]
प्रश्न 12: α-helix और β-pleated sheet की संरचना के बीच अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
α-helix:
- सर्पिल संरचना
- हाइड्रोजन बंध i और i+4 अवशेषों के बीच
- 3.6 अमीनो एसिड प्रति turn
β-pleated sheet:
- विस्तृत, मुड़ी हुई संरचना
- हाइड्रोजन बंध adjacent strands के बीच
- Parallel या antiparallel हो सकती है
तर्क आधारित प्रश्न (Reasoning Based Questions):
प्रश्न 13: सेल्युलोज स्टार्च से अधिक मजबूत क्यों होता है?
उत्तर: सेल्युलोज में β-1,4-ग्लाइकोसिडिक बंध होते हैं जो chains को linear रखते हैं और मजबूत hydrogen bonding की अनुमति देते हैं। जबकि स्टार्च में α-1,4-बंध होते हैं जो coiled structure बनाते हैं और कम मजबूत होते हैं।
प्रश्न 14: G-C base pair A-T से अधिक स्थिर क्यों होता है?
उत्तर: G-C के बीच 3 हाइड्रोजन बंध होते हैं जबकि A-T के बीच केवल 2। अधिक हाइड्रोजन बंध का मतलब अधिक स्थिरता है।
परीक्षा रणनीति और सुझाव (Exam Strategy and Tips)
सामान्य गलतियां और बचने के तरीके:
Common Error Alert:
- नामकरण में गलती: IUPAC नाम सही लिखें
- संरचना चित्र: Bond angles और stereochemistry का ध्यान रखें
- Units भूलना: हमेशा उचित इकाई लिखें
- Significant figures: गणना में सही significant figures का प्रयोग करें
महत्वपूर्ण सूत्र और तथ्य (Important Formulas and Facts):
याद रखने योग्य बिंदु:
- DNA में A=T, G=C (Chargaff’s rule)
- Protein में 20 standard अमीनो एसिड
- Genetic code में 64 codons, 61 coding + 3 stop
- Fat-soluble vitamins: A, D, E, K
- Water-soluble vitamins: B-complex और C
निष्कर्ष और मुख्य बिंदु (Conclusion and Key Points)
जैव अणु (Biomolecules) का अध्याय केवल रसायन विज्ञान का एक हिस्सा नहीं है, बल्कि जीवन की मूलभूत समझ का द्वार है। इस अध्याय के माध्यम से आपने जाना कि कैसे सरल रासायनिक यौगिक मिलकर जटिल जैविक प्रणालियों का निर्माण करते हैं।
मुख्य तथ्यों का सारांश:
कार्बोहाइड्रेट: जीवन की प्राथमिक ऊर्जा के स्रोत हैं। मोनोसैकराइड से लेकर पॉलिसैकराइड तक, ये न केवल ऊर्जा प्रदान करते हैं बल्कि संरचनात्मक सहारा भी देते हैं।
प्रोटीन: जीवन के सबसे versatile अणु हैं। एंजाइम से लेकर एंटीबॉडी तक, ये जीवन की हर प्रक्रिया में शामिल हैं।
न्यूक्लिक एसिड: आनुवंशिकता के वाहक हैं। DNA में संग्रहीत जानकारी RNA के माध्यम से प्रोटीन में परिवर्तित होती है।
विटामिन: कम मात्रा में आवश्यक लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनकी कमी से गंभीर रोग हो सकते हैं।
परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण:
इस अध्याय से CBSE Board में आमतौर पर 7-8 मार्क के प्रश्न आते हैं। MCQs में structure और function based प्रश्न, short answers में classification और properties, तथा long answers में detailed mechanisms पूछे जाते हैं।
भविष्य की संभावनाएं:
जैव अणुओं की समझ आपको निम्नलिखित क्षेत्रों में सहायक होगी:
- Medical Science: डॉक्टर, फार्मासिस्ट, बायोकेमिस्ट
- Biotechnology: Genetic engineering, Drug discovery
- Food Science: Nutrition specialist, Food technologist
- Research: Academic research, R&D in pharmaceutical companies
अंतिम सुझाव:
जैव अणुओं को रटकर नहीं, समझकर पढ़ें। हर संरचना के पीछे एक कारण है, हर function के पीछे एक mechanism है। जब आप इन connections को समझ जाएंगे, तो यह अध्याय आपके लिए सबसे interesting बन जाएगा।
Historical Context: 1953 में Watson और Crick ने DNA की structure discover की थी। उसके बाद से Molecular Biology ने अभूतपूर्व प्रगति की है। आज हम Human Genome Project से लेकर CRISPR gene editing तक पहुंच गए हैं।
Current Research: आज के समय में mRNA vaccines, personalized medicine, और synthetic biology जैसे क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहे हैं। इन सभी का आधार वही जैव अणु हैं जिन्हें आप इस अध्याय में पढ़ रहे हैं।
याद रखें, जैव अणु केवल परीक्षा के लिए नहीं हैं – ये वही अणु हैं जो इस समय आपके शरीर में काम कर रहे हैं, आपको जीवित रख रहे हैं, और आपको यह सब पढ़ने की क्षमता दे रहे हैं। इस wonderful world of biomolecules को explore करें और जीवन के रहस्यों को समझें!
अंतिम प्रेरणा: जैसे-जैसे आप जैव अणुओं की complexity को समझेंगे, आप महसूस करेंगे कि जीवन कितना अद्भुत है। हर सांस में, हर दिल की धड़कन में, हर विचार में ये अणु काम कर रहे हैं। आप केवल Chemistry नहीं पढ़ रहे, आप जीवन की भाषा सीख रहे हैं!
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